नियमों की उड़ाई धज्जियाँ : सरकारी शिक्षक वीरेंद्र पांडे ने प्राइवेट स्कूल के फंड से बनाई करोड़ों की प्रॉपर्टी
9 वीँ फेल पत्नी को कोषाध्यक्ष और बेटे को अध्यक्ष बनाने रचा सारा षड़यंत्र, शासन-प्रशासन तक पहुंची मामले की शिकायत...
प्रियंवदा लोक कल्याण समिति के अधीनस्थ संचालित नवरंग पब्लिक स्कूल से जुड़ा सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां समिति के एक शातिर सदस्य वीरेंद्र पांडे की कारस्तानी का भंडाफोड़ हुआ है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वीरेंद्र पांडे खुद तो एक सरकारी शिक्षक है, लेकिन शासन के नियमों की धज्जियाँ उड़ाते हुए प्राइवेट स्कूल से हर महीने लाखों रुपए डकार कर करोड़ों की सम्पति और बड़ा साम्राज्य बनाने में लगा हुआ है.यही नहीं शातिर वीरेंद्र पांडे ने समिति में अपनी 9 वीँ फेल पत्नी को कोषाध्यक्ष और 23 वर्षीय बेटे आदित्य को तथाकथित अध्यक्ष बनाने के षड़यंत्र रुपी जाल बिछाकर रखा है.
चौंकाने वाली बात तो ये है कि सात सदस्यीय समिति में वीरेंद्र पांडे, उनकी पत्नी, बहू, भाई, और बेटा ही सदस्य बनकर पूरा खेल रच रहे हैँ. और नन्हें मुन्हें बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
ध्यान देने वाली बात ये है कि जब इस पूरे मामले के विरोध में स्कूल की ही एक शिक्षक फातिमा ने आवाज़ उठाई तो उन्हें ही धमकी-चमकी देकर बदसलुकी करते हुए नौकरी से निकालने की धमकी दे दी गई. यहीं नहीं शातिर सदस्यो के द्वारा फातिमा को नौकर कहकर उन्हें बार-बार मानसिक प्रताड़ित किया गया. जिस बात से तंग आकर पीड़ित शिक्षिका ने टिकरापारा थाना, SP, IG, DEO ऑफिस और स्कूल शिक्षा विभाग में शातिरों के खिलाफ शिकायत कर न्याय की गुहार लगाते हुए विष्णु के सुशासन पर भरोसा जताया.
ऐसे में अब देखने वाली बात ये होगी कि क्या विष्णु के सुशासन में चालबाजों से प्रताड़ित शिक्षिका को क्या सही न्याय मिल पायेगा. या फिर एक बार पूरे मामले में लीपापोती कर शिक्षिका पर अनर्गल आरोप लगाकर छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जाएगा.
इस पूरे मामले में पीड़िता फातिमा का कहना है कि पांडे परिवार के द्वारा बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. स्कूल प्रांगण के अंदर ही सरकारी शिक्षक वीरेंद्र पांडे का पूरा परिवार आलिशान आशियाना बनाकर मौज उड़ा रहा है. यही नहीं उनके साथ एक ख़तरनाक प्रजाति का कुत्ता भी स्कूल में ही रखा गया है, जिसकी वजह से मासूम बच्चों में भय का माहौल बना हुआ है. जिसकी शिकायत पालकों के द्वारा भी की गई, पर आज तक किसी जिम्मेदार अधिकारी के कान में जूँ तक नहीं रेंगी.
फातिमा बताती हैँ कि पांडे परिवार के द्वारा उन्हें जबरिया समिति की अध्यक्ष परिहार मैडम के खिलाफ झूठी गवाही देने के लिए दबाव बना गया. उन्हें ऐसा आरोप लगाने के लिए कहा गया जो मैडम के द्वारा किया ही नहीं गया. पांडे परिवार द्वारा लगातार अध्यक्ष को प्रताड़ित करने के लिए हिसाब-किताब का बहाना बनाकर उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया, ताकि वीरेंद्र पांडे अपनी बीवी और बच्चे को अध्यक्ष बनाकर स्कूल का पूरा पैसा डकार सके. पांडे परिवार के इस षड़यंत्र का पता लगने पर अध्यक्ष मैडम के विरोध करने पर पूरा परिवार एकजुट होकर उनको मानसिक प्रताड़ित करने के साथ ही, बदत्तमीजी करते हुए हिसाब-किताब न मिलने का बहाना बनाते रहा, जबकि नियमतः अध्यक्ष मैडम के पास पूरे हिसाब मौजूद हैँ. पर फिर भी अपने परिवार को गद्दी में बैठाने के उद्देश्य से वीरेंद्र पांडे एक के बाद एक खेल रचता चला गया.हालांकि अभी इस पूरे मामले में कई और खुलासे होने बाकी हैँ. फिलहाल पीड़िता ने विष्णु के सुशासन पर उम्मीद जताकर न्याय की गुहार लगाई है.